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NOTIFICATION FOR OLD PENSION SCHEME-DR. JITENDRA SINGH reply in RAJYA SABHA

Notification for Old Pension Scheme: Rationale for quoting Notification date 22/12/2003 as unamendable repeatedly

GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF PERSONNEL, PUBLIC GRIEVANCES AND PENSIONS
(DEPARTMENT OF PENSION AND PENSIONERS’ WELFARE)

RAJYA SABHA

UNSTARRED QUESTION NO. 1891
(TO BE ANSWERED ON 17.03.2022)

NOTIFICATION FOR OLD PENSION SCHEME

1891 SHRI NEERAJ SHEKHAR:

Will the PRIME MINISTER be pleased to refer to answers to Unstarred Question 610 and Unstarred Question 285 given in the Rajya Sabha on December 12, 2021 and February 03, 2022 respectively and state:

(a) whether Government had amended Notification dated 22/12/2003 vide OM dated 17/02/2020 and had allowed Old Pension Scheme to officials whose examination process was completed before 01/01/2004;

(b) whether Supreme Court has also extended Old Pension Scheme (OPS) to thousands of officials whose advertisements were issued before 01/01/2004 by rejecting said Notification to the extent of date of joining as criterion for OPS in number of cases and the same have also been implemented by Government;

(c) if so, rationale for quoting Notification date 22/12/2003 as unamendable repeatedly; and

(d) by when general orders would be issued in view of Part (a) and (b) above? 

ANSWER

MINISTER OF STATE IN THE MINISTRY OF PERSONNEL, PUBLIC GRIEVANCES AND PENSIONS AND MINISTER OF STATE IN THE PRIME MINISTER’S OFFICE (DR. JITENDRA SINGH)

(a) to (d): National Pension System (NPS) was introduced for Central Government employees by a Notification of Ministry of Finance (Department of Economic Affairs) dated 22nd December, 2003 for Central Government service w.e.f. 1st January, 2004. However, in some specific court cases where the selection of candidates had been made before 01.01.2004 but their actual appointment in the Government service could be made on or after 01.01.2004 due to various reasons, on the direction of the Hon’ble High Court of Delhi, the benefit of Old Pension Scheme was allowed to the petitioners. After considering all the relevant aspects and to extend the benefit to similarly placed Government servants in order to reduce further litigation, the Government had decided, vide an Office Memorandum No. 57/04/2019-P&PW(B) dated 17th February, 2020 of the Department of Pension & Pensioners’ Welfare, that in all cases where the results for recruitment were declared before 01.01.2004 against vacancies occurring on or before 31.12.2003, may be given a one – time option to be covered under the Central Civil Services (Pension) Rules, 1972.

Hon’ble Supreme Court has dismissed some of SLPs filed by Union of India against the orders of Hon’ble High Court of Delhi allowing benefit of old pension scheme to those Government servants whose selection process was completed after 01.01.2004. However, notification dated 22.12.2003 has not been challenged in these cases.

In view of the specific provisions of the Notification dated 22.12.2003, the date of advertisement for the vacancies is not considered relevant for determining the eligibility for coverage under the Old Pension Scheme or the National Pension System.

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भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय
पेशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग

राज्य सभा
अतारांकित प्रश्न सं 1891
(17.03.2022 को उत्तर देने के लिए)

पुरानी पेंशन योजना के लिए अधिसूचना

1891. श्री नीरज शेखरः
क्या प्रधानमंत्री दिनांक 12 दिसम्बर, 2021 और 3 फरवरी, 2022 को राज्य सभा में अतारांकित प्रश्न 610 और अतारांकित प्रश्न 285 के उत्तर को देखेंगे और यह बताने की कृपा करेंगे कि:

(क) क्‍या सरकार ने दिनांक 17.02.2020 के कार्यालय ज्ञापन द्वारा दिनांक 22.12.2003 की अधिसूचना को संशोधित किया था और उन कर्मचारियों को पुरानी पैंशन योजना की अनुमति दे दी थी जिनकी परीक्षा प्रक्रिया 01.01.2004 से पहले समाप्त हो चुकी थी;

(ख) क्‍या उच्चतम न्यायालय ने कई मामलों में पुरानी पेंशन योजना के लिए नियुक्ति की तिथि को मानदंड मानने संबंधी अधिसूचना को खारिज कर उन हजारों अधिकारियों को भी पुरानी पेंशन योजना के दायरे में शामिलत्र कर लिया है जिनका प्रवेश परीक्षा संबंधी विज्ञापन 01.01.2004 के पहले जारी किया गया था और सरकार द्वारा भी इसे लागू किया गया है;

(ग) यदि हां, तो दिनांक 22.12.2003 की अधिसूचना को बार-बार असंशोधनीय कहने का क्या औचित्य है; ओर

(घ) उपर्यक्त भाग (क) और (ख) को देखते हुए सामान्य आदेश कब तक जारी किए जाएंगे? 

उत्तर

कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री (डॉ. जितेन्द्र सिंह)

(क) से (घ) वित्त मंत्रालय (आर्थिक कार्य विभाग) के दिनांक 22 दिसंबर, 2003 की अधिसूचना द्वारा केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 1 जनवरी, 2004 से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) शुरू की गई थी। तथापि, कुछ विशिष्ट अदालती मामलों में जहां उम्मीदवारों का चयन 01.01.2004 से पूर्व किया गया था, किंतु सरकारी सेवा में उनकी वास्तविक नियुक्ति विभिन्‍न कारणों से 01.01.2004 को या उसके बाद की जा सकी थी, माननीय दिल्‍ली उच्च न्यायालय के निर्देश पर, याचिकाकर्ताओं को पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्रदान करने की अनुमति दी गई थी। सभी सुसंगत पहलुओं पर विचार करने के पश्चात और मुकदमेबाजी को कम करने के लिए, समान रूप से पदस्थ सरकारी कर्मचारियों को लाभ प्रदान करने के लिए, सरकार ने पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के दिनांक 17 फरवरी, 2020 के कार्यात्रय ज्ञापन सं. 57/04/2019-पी&पीडब्ल्यू(बी) के तहत निर्णय लिया था, कि उन सभी मामल्रों में जहां 31.12.2003 को या उससे पूर्व होने वाली रिक्तियों के सापेक्ष भर्ती के लिए परिणाम 01.01.2004 के पूर्व घोषित किए गए थे, केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमावली, 1972 के तहत कवर करने के लिए एक बार विकल्‍प दिया जा सकता है।

माननीय उच्चतम न्यायालय ने उन सरकारी सेवकों, जिनकी चयन प्रक्रिया 01.01.2004 के पश्चात पूरी हुई थी, को पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्रदान करने की अनुज्ञा देने वाले माननीय दिल्‍ली उच्च न्यायालय के आदेशों के विरुद्ध भारत संघ द्वारा दायर कुछ एसएलपी को खारिज कर दिया है। तथापि, दिनांक 22.12.2003 की अधिसूचना को इन मामलों में चुनौती नहीं दी गई है।

दिनांक 22.12.2003 की अधिसूचना के विशिष्ट उपबंधों को ध्यान में रखते हुए, रिक्तियों के विज्ञापन की तारीख को पुरानी पेंशन योजना या राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत कवर किए जाने के लिए पात्रता निर्धारित करने के लिए सुसंगत नहीं माना जाता है।